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बाइक इंश्योरेंस कराने के फायदे | What are the benefits of bike Insurance 2024,गाड़ी का बीमा होने से पेनाल्टी भरने या जेल जाने से बचते हैं, itsabhinkt

 बहुत से लोग अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस पूरा हो जाने के बाद उसका फिर से नया इंश्योरेंस नहीं कराते। विशेष रूप से बाइक, स्कूटर, वगैरह के मामलों में लोग इंश्योरेंस को लेकर ज्यादा लापरवाह होते हैं। लेकिन, असलियत यह है कि गाड़ी का इंश्योरेंस, आपको या आपके वाहन को नुकसान पहुंचने पर मुआवजा दिलाता ही है। आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति के शरीर, वाहन या संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर भी बड़े झमेलों से आपको बचाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बाइक इंश्योरेंस के क्या फायदे हैं? बुलट या स्कूटर का इंश्योरेंस कराने पर भी ये सभी फायदे मिलते हैं।


What are benefits of Bike Insurance in Hindi?


बाइक इंश्योरेंस कराने के फायदे | What are the benefits of bike Insurance 2024,गाड़ी का बीमा होने से पेनाल्टी भरने या जेल जाने से बचते हैं, itsabhinkt


बाइक इंश्योरेंस के फायदे | Benefits of bike insurance

अगर आपने अपनी बाइक, स्कूटर या किसी अन्य प्रकार के दोपहिया वाहन का इंश्योरेंस करवा लेते हैं तो आपको निम्नलिखित प्रकार के फायदे होते हैं-

1. गाड़ी का बीमा होने से पेनाल्टी भरने या जेल जाने से बचते हैं

आप बिना बाइक इंश्योरेंस के गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं तो आप पर 2000 रुपए तक जुर्माना (Penalty) लग सकता है या 3 महीने की जेल हो सकती है। या फिर दोनों सजा एक साथ भी दी जा सकती है। इतना ही नहीं, लगातार लापरवाही बरतने पर, आपका Driving Licence कैंसल भी हो सकता है। Motor Vehicles Act, 1988 के मुताबिक, भारत में, इंजन से चलने वाले किसी भी वाहन का बीमा करवाना अनिवार्य है। वाहन चलाते समय इसका प्रमाण (Copy of Insurance) भी आपके पास मौजूद रहना अनिवार्य है।


2. दूसरे को चोट या नुकसान पर मुआवजा बीमा कंपनी देती है

आपकी गाड़ी से किस अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट लग जाती है या मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति को या उसके परिवार को मुआवजा देना पड़ता है। वह मुआवजा, उस व्यक्ति की आर्थिक ​हैसियत के हिसाब से तय होता है। ऐसे में किसी बहुत बड़ी हैसियत वाले व्यक्ति को नुकसान पहुंचने पर आपके लिए बहुत भारी भी पड़ सकता है।


लेकिन, अगर आपने Bike Insurance करवा रखा है तो मुआवजे का सारा बोझ बीमा कंपनी उठाती है। क्योंकि, आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति, वाहन या संपत्ति को नुकसान होने पर उसे जो हर्जाना (Compensation) वगैरह चुकाना पड़ता है, वह  third-party liability के अंतर्गत आता है। उस व्यक्ति के इलाज का खर्च, Court Case होने पर मुकदमे और वकील का खर्च वगैरह भी इसी third-party liability के तहत आता है। Bike का Third Party Insurance होने पर इस तरह का हर्जाना बीमा कंपनी देती है।


3. आपकी बाइक को भी नुकसान, चोरी या नष्ट होने पर मुआवजा मिलता है


अगर आपने अपनी गाड़ी का Comprehensive insurance करवा रखा है तो Own Damage Cover (First Party Insurance) के साथ-साथ Third Party Liability का भी फायदा मिलता है। Own Damage Cover, किसी हादसे में, आपकी बाइक को हुए नुकसान की भी भरपाई करता है। सड़क दुर्घटनाओं के अलावा व्यक्तियों के हमले (man-made calamities), प्राकृतिक आपदा (natural calamities), या आगजनी (Fire) वगैरह की घटनाओं में नुकसान भी इसके तहत Cover किए जाते हैं। बाइक चोरी होने पर या पूरी तरह से नष्ट हो जाने पर भी Insurance Company उसका हर्जाना देती है।




4. खुद को चोट पहुंचने पर आपको या आपके परिवार को मदद मिलती है


अब किसी भी वाहन के साथ बीमा के साथ 15 लाख रुपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (personal accident cover) भी अनिवार्य हो गया है। चाहे आपने सिर्फ Third Party Insurance करवाया हो, या फिर comprehensive plan लिया हो। इससे, किसी हादसे में आपको (rider or driver) नुकसान पहुंचने पर 15 लाख तक की मदद आपको या आपके परिवार वालों को मिलती है। नुकसान के स्तर के हिसाब से 50 प्रतिशत या 100 प्रतिशत तक मदद मिलती हैै। Bike insurance न होने पर ये मदद आपको या आपके परिवार को नहीं मिल सकती। 




Note: एडऑन Personal accident cover की मदद से आप 15 लाख की सीमा को बढ़वा भी सकते हैं। अपने साथ की सवारी (co-passenger) के लिए भी बीमा सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।




5. कैशलेस रिपेयरिंग और कैशलेस इलाज की सुविधा भी ले सकते हैं


कुछ बीमा कंपनियां Add On Cover के माध्यम से, अपने अनुबंधित गैराजों में बिना पैसा खर्च किए मरम्मत कराने (cashless repairing) की सुविधा देती हैं। बाद में बीमा कंपनी उसका भुगतान कर देती है। इसी तरह Cashless hospitalization एड ऑन की मदद से, बाइक चालक के घायल होने पर बिना पैसा खर्च किए इलाज की सुविधा भी आपको मिल सकती है। इसी तरह Zero Depreciation, No Claim Bonus वगैरह Add ons से भी अपनी बीमा सुरक्षा और मजबूत करने के विकल्प ​होते हैं।




6. मानसिक सुरक्षा और शांति का अहसास दिलाता है वाहन का बीमा


Accident के बाद की स्थितियों से निपटने के लिए काफी सूझ-बूझ की जरूरत होती है। इसके technical पक्ष काफी ​जटिल होते हैं, जिसके लिए आपको वकील, बीमा विशेषज्ञ वगैरह की जरूरत पड सकती है। इन सारी चीजों में काफी टाइम और दिमाग लगता है। Bike Insurance होने पर ये सारे झंझट Insurance Company की ओर से निपटाए जाते हैं। आपको सिर्फ कुछ Basic Processes निपटानी पड़ती हैं। इस तरह से Bike Insurance आपको मानसिक सुकून और सुरक्षा भी देता है


टू व्हीलर इंश्योरेंस क्या है, इसके प्रकार और फायदे | Two wheeler insurance in hindi


टू व्हीलर या बाइक इंश्योरेंस क्या है, प्रकार, फायदे, लाभ, क्यों जरुरी है, विशेषताए, क्या कवर किया जाता है और क्या नहीं जानिए हिंदी में


भारत की ज्यादातर आबादी दुपहियां वाहनों यानी टु व्हीलर का इस्तेमाल करती है। तथा रोज टु व्हीलर की कई दुर्घटनाएं सामने आती रहती है। जिससे कई लोगों को आर्थिक और शारीरिक रूप से नुक़सान होता है।


ऐसी दुर्घटनाओं में बाइक चालक और बाइक सवार दोनों को नुक़सान होता है। तथा सामने वाले को भी नुक़सान पहुँचता है। ऐसी परिस्थितियों में अपने आप को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए बाइक इंश्योरेंस जरूर होना चाहिए।


आईये जानते है की बाइक इंश्योरेंस क्या होता है? यह आपके लिए क्यों जरुरी है?


बाइक इंश्योरेंस क्या होता है? (what is bike insurance in hindi)


बाइक इंश्योरेंस, बीमा कंपनी और वाहन मालिक के बीच का एक अनुबंध होता है। जिसमें आपकी बाइक के साथ कोई दुर्घटना, चोरी और प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनी द्वारा आपको कवरेज़ मिलता है।


बाइक या बाइक सवार के साथ कोई दुर्घटना होती है और बाइक और बाइक सवार को कोई नुक़सान होता है तो टु व्हीलर इंश्योरेंस में आपको आर्थिक रूप से सहायता मिलती है। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत सभी टु व्हीलर वाहनों का इंश्योरेंस होना जरुरी है। तथा भारत में सभी टु व्हीलर वाहनों का कम से कम 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है।


बाइक इंश्योरेंस के प्रकार (types of two wheeler insurance in hindi)


भारत में बाइक इंश्योरेंस मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है। आइये इनके बारें में विस्तार से जानते है:


थर्ड पार्टी टू व्हीलर इंश्योरेंस (Third Party Two Wheeler Insurance in hindi)


भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सभी वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है। यह बीमा, इंश्योरेंस की गई बाइक से किसी थर्ड पार्टी या तीसरे पक्ष के व्यक्ति या उसकी सम्पति को किसी प्रकार का नुकसान होता है तो उस नुक़सान को बीमा कंपनी द्वारा कवर किया जाता है। इस बीमा में थर्ड पार्टी व्यक्ति की मौत को भी कवर किया जाता है।


भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अंतर्गत सभी वाहन मालिकों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है। यदि कोई वाहन चालक बिना इंश्योरेंस कवर के गाड़ी चलता है तो उसे 2000 रूपए तक का जुर्माना हो सकता है।


कॉम्प्रेहेन्सिव टू व्हीलर इंश्योरेंस (Comprehensive Two Wheeler Insurance in hindi)

कम्प्रीहेंसिव बाइक इंश्योरेंस थर्ड पार्टी के साथ साथ बीमा किये गए व्यक्ति के लिए भी कवर प्रदान करता है। इस बीमा में कई अतिरिक्त लाभ मिलते है, जिनका बीमाधारक एक्स्ट्रा कवर के रूप में लाभ उठा सकते है। यह इंश्योरेंस चोरी, प्राकृतिक आपदा, मानव निर्मित आपदा, आग जैसी घटनाओं के लिए कवर प्रदान करता है। यह इंश्योरेंस पूर्ण संरक्षण पैकेज है।


टू व्हीलर या बाइक इंश्योरेंस क्यों जरुरी है?


हमें अपनी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी रखनी चाहिए क्योंकि आपके या आपके वाहन के साथ कभी कोई दुर्घटना जैसे चोरी, आग, भूकंप, एक्सीडेंट या किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना होती है तो आपको आर्थिक रूप से सहायता मिलती है।


यदि आपके वाहन से किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति या उसकी सम्पति को नुकसान पहुँचता है तो उसे भी बीमा कंपनी द्वारा कवर किया जाता है। बाइक इंश्योरेंस आपको आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने में मदद करता है।


भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन का बीमा करवाना अनिवार्य है। यदि आप क़ानूनी रूप से अपना वाहन चलाना चाहते हो तो आपके पास अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है।


टू व्हीलर या बाइक इंश्योरेंस की विशेषताएं :-


वाहन मालिक के पास थर्ड पार्टी या कॉम्प्रेहेन्सिव टू व्हीलर इंश्योरेंस चुनने का विकल्प होता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मोटर वाहन अधिनियम में तहत सभी वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है। तथा प्रत्येक वाहन मालिक के पास कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है।

कम्प्रीहेंसिव टू व्हीलर इंश्योरेंस बीमा किये गए वाहन को नुक़सान से बचाता है। तथा उसके साथ ही थर्ड पार्टी व्यक्ति की चोट या उसकी सम्पति के नुकसान को भी कवर करता है।

वाहन बीमा आपके वित्तीय तनाव को कम करता है।

यदि आप सुरक्षित ड्राइविंग करते हो और आप बीमा कंपनी से कोई क्लैम नहीं लेते हो तो बीमा कंपनी आपको नो क्लेम बोनस (NCB) के रूप से रिवॉर्ड देती है।

IRDA द्वारा स्वीकृत इंश्योरेंस प्रोवाइडर नो क्लैम बोनस के रूप में डिस्काउंट देती है, जैसे मान्यताप्राप्त ऑटोमोटिव एसोसिएशन की सदस्यता, एंटी-थेफ्ट डिवाइस आदि।

टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आप 15 लाख का व्यक्तिगत दुर्घटना का कवर प्राप्त कर सकते हो। यह राशि पहले एक लाख रुपये थी लेकिन इसे IRDA द्वारा बढाकर 15 लाख कर दिया गया है।

अतिरिक्त कवरेज के लिए आप इंश्योरेंस प्रोवाइडर से अपनी पॉलिसी के साथ वैकल्पिक ऐड ऑन कवर ले सकते हो।

अब इंटरनेट का जमाना है आप अपने टु व्हीलर के लिए ऑनलाइन बीमा खरीद सकते हो तथा उसकी प्रीमियम भी आप ऑनलाइन भर सकते हो।

टू व्हीलर या बाइक इंश्योरेंस के लाभ (Benefit

टू व्हीलर या बाइक इंश्योरेंस के लाभ (Benefits of two wheeler insurance in hindi)

आर्थिक सुरक्षा: बाइक या टु व्हीलर इंश्योरेंस आपको आर्थिक रूप से सहायता देता है। यह इंश्योरेंस आपकी बाइक चोरी हो जाने या दुर्घटना हो जाने पर आपको आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करता है। आपकी बाइक, स्कूटी या टु व्हीलर की दुर्घटना हो जाने पर थर्ड पार्टी व्यक्ति तथा उसकी सम्पति के नुकसान की भरपाई करता है।

नो क्लेम बोनस (NCB): यदि आप सुरक्षित रूप से ड्राइविंग करते हो और कोई दावा नहीं करते हो तो कई बीमा कंपनी द्वारा नो क्लैम बोनस ऑफर किया जाता है। जो आपके इंश्योरेंस की प्रीमियम कम करने में मदद मदद कर सकता है तथा कंपनी किसी प्रोडक्ट पर डिस्काउंट दे सकता है।

एक्सीडेंट की चोटें: आपकी बाइक या स्कूटी की किसी प्रकार की कोई दुर्घटना होती है। तब बीमा कंपनी आपकी तथा थर्ड पार्टी व्यक्ति की चोटों को कवर करती है।

वैकल्पिक राइडर: इस तरह के बीमा में आप वैकल्पिक राइडर चुन सकते हों। जिसके लिए आपको बीमा कंपनी को अतिरिक्त भुगतान करना होगा। तथा राइडर आपको अतिरिक़्त कवरेज़ प्रदान करता है।

कॉम्प्रेहेन्सिव बीमा कवरेज़: ज़्यादातर कॉम्प्रेहेन्सिव बीमा चुनने की सलाह दी जाती है। क्योकि यह बीमा आपको, आपकी बाइक या स्कूटी तथा थर्ड पार्टी व्यक्ति को कवरेज प्रदान करता है। जबकि थर्ड पार्टी बीमा में केवल थर्ड पार्टी व्यक्ति को ही कवरेज मिलता है।

बाइक इंश्योरेंस या टु व्हीलर इंश्योरेंस में प्रीमियम को प्रभावित करने वाले कारण

कई ऐसे कारण होते जो आपकी बाइक इंश्योरेंस की प्रीमियम को प्रभावित करते है। आइये जानते है ऐसे कोनसे कारण है जो आपकी टु व्हीलर की इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करते है:


डेप्रिसिएशन: यह आपके दुपहियां वाहन की प्रीमियम को प्रभावित करने का मुख्य कारण है। आपके बाइक की डेप्रिसिएशन जीतनी अधिक होगी आपकी प्रीमियम भी उतनी ही कम होगी। नए टु व्हीलर या बाइक का कोई डेप्रिसिएशन मूल्य नहीं होता है।

बाइक की उम्र: डेप्रिसिएशन की वजह से आपके टु व्हीलर की उम्र इसके बाजार मुल्य या इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) के अनुपात में रहती है। आपके बाइक की जीतनी ज्यादा उम्र होगी, आपके इंश्योरेंस की प्रीमियम उतनी ही कम होगी।

इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV): इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू से आपकी बाइक या टु व्हीलर की वर्तमान मार्केट वैल्यू का पता लगाया जाता है। यदि आपकी बाइक की मार्केट वैल्यू कम है तो बीमा कंपनी का IDV भी फिक्स रहता है। तब आपको काम प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा।

नो क्लेम बोनस (NCB): यदि आप अपनी बाइक सुरक्षित चलाते हो और कोई दावा नहीं करते हो। तब यह नो क्लेम बोनस आपकी पॉलिसी रिन्यूअल कराते समय आपकी प्रीमियम पर कटौती करती है।

बाइक का मुल्य: आप जीतनी अधिक महंगी बाइक लेंगे आपको उतनी ही अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

सुरक्षा डिवाइस लगाने पर: यदि आप अपनी बाइक की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोई सुरक्षा डिवाइस लगाते हो तो आपको कम प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा।

भौगोलिक परिस्थिति: भौगोलिक स्थितियां आपके बाइक इंश्योरेंस को प्रभावित करती है। जैसे आप किसी पहाड़ी इलाक़े या मेट्रोपॉलिटन शहरों में बाइक चलाते हो तो दुर्घटना की सम्भावना ज्यादा रहती है। रिस्क बढ़ने के कारण आपकी प्रीमियम बढ़ जाती है।

बाइक या टु व्हीलर इंश्योरेंस में क्या क्या कवर किया जाता है?

यदि आप अपनी बाइक या टु व्हीलर के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदने पर विचार कर रहे है तो आपको इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए की बाइक या टु व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या क्या कवर किया जाता है। आइये इन सब के बारें में विस्तार से जानते है:


मानव निर्मित आपदा: मानव निर्मित आपदा जैसे- आतंकवादी गतिविधियां, दंगे, हड़ताल आदि में आपकी बाइक या टु व्हीलर के हुए नुक़सान को कवर किया जाता है। 

प्राकृतिक आपदा: प्राकृतिक आपदाये जैसे बाढ़, भूकंप, तूफ़ान, चक्रवात, भूस्खलन, बिजली गिरना आदि में आपकी बाइक या टु व्हीलर को हुए नुक्सान को कवर किया जाता है।

चोरी: यदि आपकी बाइक या टु व्हीलर वाहन चोरी होता है तो इसे बीमा कंपनी द्वारा कवर किया जाता है। तथा आपके नुक़सान का भुगतान किया जाता है।

पर्सनल एक्सीडेंट कवरेज: वाहन मालिक या राइडर की चोट के लिए 15 लाख रूपए का पर्सनल एक्सीडेंट कवरेज उपलब्ध होता है। यह स्थायी या अस्थायी विकलांगता या अंग के नुक़सान होने पर कवर दिया जाता है।

थर्ड-पार्टी लायबिलिटी: आपकी बाइक या टु व्हीलर से किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति की चोट तथा उसकी मृत्यु का कवरेज मिलता है। इसके अलावा आपके वाहन से थर्ड पार्टी व्यक्ति की सम्पति को हुए नुक़सान को भी कवर किया जाता है।

बाइक या टु व्हीलर इंश्योरेंस में क्या क्या कवर नहीं किया जाता है?

टु व्हीलर इंश्योरेंस में कई प्रकार की घटनाओं को कवर नहीं किया जाता है, आइये इनके बारे में जानते है:


नियमित उपयोग से होने वाले नुक़सान को कवर नहीं किया जाता है।

सामान्य रूप से बाइक या वाहन को होने वाले नुक़सान को कवर नहीं किया जाता है। 

बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते समय होने वाले नुकसान को कवर नहीं किया जाता है।

शराब या किसी अन्य प्रकार के नशे में होने के कारण होने दुर्घटना को कवर नहीं किया जाता है। 

नियमित रूप से वाहन चलाने के दौरान टायर व टयुब के नुक़सान को कवर नहीं किया जाता है।

मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल ब्रेकडाउन से होने वाला नुकसान को कवर नहीं किया जाता है।

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